(Broccoli Farming)ब्रोकली की खेती के बारे में जानकारी
ब्रोकली की खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है:-
- ब्रोकली को ठंडी और नमी वाली जलवायु पसंद होती है।
- यह उपोष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगता है।
- यह हल्की, उर्वरित और जल-निकासी वाली मिट्टी में बेहतर उगता है।
- मिट्टी का पीएच 6.0-7.0 के बीच होना चाहिए।
- कई प्रजातियों में से लोकप्रिय प्रजातियां हैं – कैलीफ़ोर्नियाई, दक्षिण प्रशांत, और इटालियन ग्रीन प्रजातियां।
- रोपण के लिए 4-6 सप्ताह पुराने पौधों का उपयोग किया जाता है।
- यह मार्च-अप्रैल और अगस्त-सितंबर के बीच किया जाता है।
- ब्रोकली को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम युक्त खाद की आवश्यकता होती है।
- सामान्य उपयोग 100-150 kg/ha है।
- नियमित और पर्याप्त सिंचाई महत्वपूर्ण है।
- सप्ताह में 2-3 बार सिंचाई करना उचित है।
- पूर्ण विकसित प्रमुख सिर को कटाई के लिए चुना जाता है, जब वह 15-20 सेमी व्यास का हो जाता है।
- ब्रोकली को ताजा उपभोग, संरक्षण या फ्रीज़ किया जा सकता है।
- यह पोषक तत्वों से भरपूर है।
कुल मिलाकर, ब्रोकली एक आर्थिक रूप से लाभदायक और पौष्टिक फसल है जिसकी खेती के लिए उचित जलवायु और मिट्टी की आवश्यकताएं हैं।
(Broccoli Farming)ब्रोकली की उन्नत किस्में (Broccoli Improved Varieties)
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(Broccoli Farming)इटालियन ग्रीन स्प्राउटिंग;- यह ब्रोकली की एक विदेशी किस्म है, जिसे भारत में ज्यादा नहीं उगाया जाता है| इसके पौधों में निकलने वाले फल बिल्कुल सामान्य गोभी की तरह होते है,किन्तु इनका रंग बैंगनी होता है | यह किस्म प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 103 क्विंटल की पैदावार दे देती है | ब्रोकली की खेती
(Broccoli Farming)ग्रीन स्प्राउटिंग:- ब्रोकली की यह किस्म 81 से 92 दिन में पैदावार देने के लिए तैयार हो जाती है | इसके पौधों में लगने वाले फल का सिरा गुंथा हुआ और मोटा हरा होता है | यह किस्म प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 123 से 155 क्विंटल की पैदावार दे देती है | ब्रोकली की खेती
ब्रोकोली संकर :- ब्रोकली की यह किस्म कम समय में अधिक पैदावार देने के लिए लगायी जाती है| इसकी फसल पौध रोपाई के 61 से 66 दिन बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है | इसमें निकलने वाला फल रंग में हरा और गठीला होता है | जिसका प्रति हेक्टेयर उत्पादन 105 क्विंटल के आसपास होता है | ब्रोकली की खेती
इसके अतिरिक्त भी ब्रोकली की कई उन्नत किस्मों को अलग-अलग जलवायु में अधिक फसल देने के लिए तैयार किया गया है, जो कि इस प्रकार है- पंजाब ब्रोकली, के टी एस 10, पालक समृद्धि, पेरिनियल, क्रुसेर, प्रिमिय क्राप, स्टिक, बाथम 30, ग्रीन हेड, केलेब्रस, पाईरेट पेकमे और क्लीपर आदि | ब्रोकली की खेती
(Broccoli Farming)ब्रोकली के खेत की तैयारी और उवर्रक (Broccoli Field Preparation and Fertilizer)
ब्रोकली की खेती के लिए खेत की तैयारी और उर्वरक उपयोग के बारे में विस्तार से बताता हूं:
भूमि को 30-45 सेंटीमीटर गहराई तक जुताई करके उलटना चाहिए ताकि सतह पर काफी मिट्टी हो। खेत को सघनता और नमी को बनाए रखने के लिए कई बार हैरोइंग करनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि मिट्टी का पीएच स्तर 6.0-7.0 के बीच हो।
ब्रोकली को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम युक्त उर्वरक की आवश्यकता होती है। प्रति हेक्टेयर 100-150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50-75 किलोग्राम फास्फोरस और 75-100 किलोग्राम पोटैशियम की मात्रा सिफारिश की जाती है।
कम्पोस्ट या आलू, सेब, नींबू के छिलके जैसे कृषि अपशिष्टों का उपयोग भूमि में मिलाना बहुत लाभदायक होता है। ये अपशिष्ट मिट्टी की उर्वरता और जल-धारण क्षमता को बढ़ाते हैं। बोरान, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी उपयोग किया जाता है। ये पोषक तत्व पौधों की वृद्धि और उत्पादन को बढ़ाते हैं। ब्रोकली की खेती
इस तरह की खेत की तैयारी और उर्वरक उपयोग ब्रोकली की उच्च गुणवत्ता और उच्च उपज सुनिश्चित करता है।
ब्रोकली के पौधों की रोपाई का सही समय और तरीका (Broccoli Plants Transplanting Correct time and Method)
(Broccoli Farming)ब्रोकली के पौधों की रोपाई बीज और पौध तीनो ही रूप में की जाती है, इसके लिए बीजो को नर्सरी में रेडी कर लिया जाता है | यदि आप चाहे तो तैयार पौधों को किसी रजिस्टर्ड नर्सरी से भी खरीद सकते है, इससे आपका समय बचेगा और पैदावार भी जल्द प्राप्त होगी | किन्तु पौधे बिल्कुल स्वस्थ और एक महीने ओल्ड होने चाहिए | इन पौधों की रोपाई बराबर और मेड दोनों में ही कर सकते है| ब्रोकली की खेती
(Broccoli Farming)ब्रोकली के पौधों की सिंचाई (Broccoli Plant Irrigation)
ब्रोकली के पौधों को 6-7 सिंचाई की ही आवश्यकता होती है | इसकी प्रारंभिक सिंचाई पौध रोपाई के तुरंत बाद कर दी जाती है | इसके बाद ब्रोकली के पौधों को 12-15 दिन के अंतराल में पानी देते रहना चाहिए |
ब्रोकली की खेती में खरपतवार नियंत्रण (Broccoli Plants Weed Control)
(Broccoli Farming)ब्रोकली के पौधे भूमि की सतह से थोड़ी ऊंचाई पर अच्छे से विकसित है, जिससे इसके पौधों को खरपतवार नियंत्रण की अधिक आवश्यकता होती है | इसके पौधों पर खरपतवार नियंत्रण के लिए प्राकृतिक और रासायनिक दोनों ही विधियों का प्रयोग किया जाता है | रासायनिक विधि द्वारा पौधों पर खरपतवार नियंत्रण पाने के लिए ट्राईफ्लूरेलिन या टोक ई-25 की उचित मात्रा का छिड़काव भूमि में किया जाता है, जिससे खेत में खरपतवार न के बराबर उगते है |
(Broccoli Farming)इसके अलावा प्राकृतिक तरीके से खरपतवार नियंत्रण के लिए पौधों की खुरपी से कम्ठान विधि द्वारा खरपतवार को निकाल दिया जाता है | इसके पौधों को केवल 5 -6 गुड़ाई की ही जरूरत होती है| इसकी प्रारभिक गुड़ाई पौध रोपाई के तक़रीबन 11 से 15 दिन बाद की जाती है | इसके बाद की रोपाई को 12 से 13 दिन के अंतराल में करना होता है |
(Broccoli Farming)ब्रोकली के फलो की कटाई पैदावार और लाभ (Broccoli Fruit Harvesting Yields and Benefits)
ब्रोकली के फलों (प्रमुख सिर) की कटाई, पैदावार और लाभ को निम्न तालिका में दर्शाया गया है:
मापदंड | विवरण |
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कटाई का समय | – प्रमुख सिर को तब कटा जाता है जब वह 15-20 सेमी व्यास का हो जाता है। सामान्यत: 60-90 दिनों में फसल पूर्ण हो जाती है। |
कटाई प्रक्रिया | – प्रमुख सिर को चाकू या हाथ से सावधानीपूर्वक काटा जाता है। सिर के चारों ओर 10-15 सेमी की डंडी (स्टेम) भी काटी जाती है। |
पैदावार | – एक हेक्टेयर क्षेत्र से 10-15 मीट्रिक टन ताजा ब्रोकली उत्पादन होता है। किस्म, मौसम और खेती के तरीके के आधार पर पैदावार में अंतर हो सकता है। |
लाभ | – ब्रोकली एक मूल्यवान और लाभदायक फसल है। 1 हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 1.5-2.5 लाख रुपये का सकल लाभ प्राप्त हो सकता है। लागत प्रभावी होने के कारण यह एक आर्थिक रूप से फायदेमंद फसल है। |
इस तरह ब्रोकली की खेती से किसानों को अच्छी आय और लाभ प्राप्त हो सकता है। यह एक पौष्टिक और मूल्यवान फसल है।
ब्रोकली की खेती से होने वाले आर्थिक लाभ को निम्न तालिका में प्रदर्शित किया गया है:-
मापदंड | विवरण |
---|---|
उपज (प्रति हेक्टेयर) | 10-15 मीट्रिक टन |
उत्पादन लागत | |
बीज | ₹15,000 – ₹20,000 |
खाद और उर्वरक | ₹20,000 – ₹25,000 |
श्रम | ₹30,000 – ₹40,000 |
अन्य लागतें | ₹15,000 – ₹20,000 |
कुल लागत | ₹80,000 – ₹1,05,000 |
बिक्री मूल्य (प्रति किग्रा) | ₹30 – ₹40 |
सकल आय | ₹3,00,000 – ₹6,00,000 |
शुद्ध लाभ | ₹1,95,000 – ₹5,20,000 |
लाभ मार्जिन | 65% – 87% |
प्रति हेक्टेयर 10-15 मीट्रिक टन की उपज और ₹30-₹40 प्रति किग्रा के बिक्री मूल्य पर, ब्रोकली की खेती से ₹1.95 लाख से ₹5.20 लाख तक का शुद्ध लाभ प्राप्त हो सकता है। लाभ मार्जिन भी 65% से 87% के बीच हो सकता है। इस प्रकार ब्रोकली एक लाभदायक और आर्थिक रूप से फायदेमंद फसल है। ब्रोकली की खेती
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