(kaala gehoon kee khetee) काला गेहूं की खेती | 2024 में कमाए लाखों में मुनाफा |

काला गेहूं की खेती (Black Wheat Farming)

काला गेहूं की खेती(Black Wheat Farming) भारत देश के किसानो की इच्छा नए प्रयोग का इस्तेमाल कर खेती करने की ओर अग्रसर हो रहा है, जिसमे वह अलग-अलग तरह की कृषि कर रहे है | किसान अब नई तरह की सब्जी और फसलों की खेती में अधिक इच्छा ज़ाहिर कर रहे है | इसमें जिस खेती की तरफ किसानो का सबसे ज्यादा झुकाव हुआ है, वह गेहू और काले धान की फसल है | क्योकि इससे किसानो की बेहतर कमाई हो जाती है | वर्तमान समय में भारत में गेहू की बहुत अधिक प्रजातियां मौजूद है |

जिसमे से कुछ प्रजातियां अधिक उत्पादन और कुछ रोग प्रतिरोधक वाली है | किन्तु इनके बीज देखने में एक सामान ही होते है, लेकिन इस गेहूं का बीज काला ही होता है | किसान भाइयो का रूझान भी सामान्य गेहूं के मुकाबले काले गेहूं की और अधिक रूचि हो रहा है |

Black Wheat Farming इसका कारण बाज़ारो में काले गेहूं की अधिक मांग का होना है | इसके अलावा काले गेहूं का निर्यात भी काफी बढ़ गया है | जिस वजह से किसानो का मन काले गेहूं की ओर अधिक है | उत्तर प्रदेश राज्य में कई किसान काले गेहूं की फसल ऊगा कर काफी अधिक मुनाफा भी कमा रहे है | कृषि अधिकारियो का मानना है, कि डायबिटीज वाले व्यक्ति के लिए काला गेहूं बहुत ही लाभप्रद है | यदि आप भी काले गेहूं की खेती करने का मन बना रहे है। आज इस कंटेंट में हम, आपक सबको काळा गेहू के खेती के बारे में बताएँगे और इसके करने की विधि को भी दर्शाएंगे।

काला गेहूं की किस्में (Black Wheat Varieties)

पंजाब के मोहाली शहर में स्थित नाबी या नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नॉलजी इंस्टीट्यूट द्वारा 6 वर्ष तक रिसर्च करके काले गेहूं की नई किस्म को विकसित किया है | नाबी के पास इसका पेटेंट भी उपस्थित है | इस गेहूं की खास बात, यह काले रंग का होता है, लेकिन इसकी बालिया सामान्य गेहूं की तरह हरी होती है, जो पकने पर आटोमेटिक काले रंग में परिवर्तित हो जाती है | नाबी की साइंटिस्ट डॉ. मोनिका गर्ग ने काले के साथ-साथ नीले और बैंगनी रंग के गेहूं की किस्मों को भी विकसित किया है |

काला गेहूं में मौजूद औषधीय गुण (Black Wheat Medicinal Properties)

Black Wheat Farming काले गेहूं में अनेक तरह के औषधीय गुण रहते है, जैसे की इसमें एंथ्रोसाइनीन की प्रचुर मात्रा होती है | काळा गेहूं में नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक गुण होता है, जो डायबिटीज, घुटनों का दर्द, हार्ट अटैक, कैंसर, एनीमिया और मानसिक तनाव जैसी समस्याओ में रामबाण साबित होता है | काले गेहूं का स्वाद थोड़ा डिफरेंट होता है, लेकिन यह काफी पौष्टिक और औषधिये भी है |

Black Wheat Farming काला गेहूं के फायदे (Black Wheat Benefits)

  • यदि किसी व्यक्ति को दिल की बीमारी है, तो उसे काले गेहूं का सेवन करना चाहिए, क्योकि यह दिल में लगने वाले रोग के खतरे को ताल देता है |
  • काले गेहूं में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नार्मल बनाए रखता है| इसमें ट्राइग्लिसराइड नमक तत्व भी मौजूद होता है |
  • यदि काले गेहूं का सेवन नियमित रूप से करते है, तो शरीर को उपयुक्त मात्रा में फाइबर मिल जाता है, जो पेट के रोगो के लिए काफी लाभकारी है, कब्ज रोग के लिए यह उपयुक्त इलाज है |
  • इसमें मौजूद उच्च मात्रा वाला फाइबर पाचन तंत्र को मजबूती प्रदानं करता है, जो पाचन संबंधी समस्याओ के साथ ही पेट के कैंसर से भी राहत दिलाता है |
  • यह शरीर में मौजूद उच्च कोलेस्ट्रॉल को ज्यादा होने से रोकता है, और ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रण में रखता है |
  • मधुमेह से पीड़ित लोगो के लिए काला गेहूं बहुत कारगर साबित होता है, यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में काफी मदद करता है |

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  • आंतो में हुए इन्फेक्शन से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन काले गेहूं का प्रयोग किसी न किसी रूप में अवश्य करे | यह शरीर में फाइबर की मात्रा को अच्छे रूप से बनाए रखता है, और आंत के इन्फेक्शन को भी नहीं होने देता है |
  • काले गेहूं में अनेक पोषक तत्व मौजूद होते है, जिसमे से एक फास्फोरस भी होता है |
  • यह शरीर में नए ऊतक का निर्माण और उनके रखरखाव में मददगार होता है, ताकि शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने में परेशानी न हो |
  • काले गेहूं के नुकसान (Black Wheat Disadvantages)

Black Wheat Farming किसान भाई जिस काले गेहूं के उत्पादन को अच्छे समझ रहे है, वह गेहूं पीली भूरी रोली वाला अपने साथ कई बीमारियों को भी लाता है | इसके अलावा काले गेहूं के आंटे से बनाई गयी चपाती भी स्वादहीन होती है | Black Wheat Farming जिस वजह से किसानो को काले गेहूं के उत्पादन में ध्यान देना चाहिए, अन्यथा आगे के समय में किसानो को आर्थिक नुकसान के साथ शारीरिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है |

काला गेहूं की खेती का तरीका (Black Wheat Farming)

Black Wheat Farming यदि आप काले गेहूं की बुवाई करने के लिए सीड ड्रिल विधि का इस्तेमाल करते है, तो आप बीज और उवर्रक की बचत कर सकते है | काले गेहूं का उत्पादन भी सामान्य गेहूं की तरह करते है | बाजार से इसके बीजो को खरीद कर बुवाई की जाती है | सामान्य रूप से पंक्तियों में बुवाई करने पर प्रति हेक्टेयर के खेत में 102 KG बीज तथा मोटे दाने के रूप में 127 KG बीजो की लागत लगती है | Black Wheat Farming वही अगर बीजो की बुवाई छिड़काव विधि द्वारा की जाए तो 124 KG सामान्य दाने और 152 KG मोटे दाने प्रति हेक्टेयर के खेत में लगते है | बीज बुवाई से पहले जमाव का प्रतिशत जरूर देख ले |

Black Wheat Farming यह सुविधा राजकीय अनुसंधान केन्द्रो परशुल्क फ्री होती है | यदि बीजो की अंकुरण दर ज्यादा न पायी जाती है, तो बीज दर को अधिक कर ले, तथा प्रमाणित बीज न होने पर बीजो का खोज प्रक्रिया जरूर कर ले | Black Wheat Farming इसके लिए बीज बुवाई से पहले बीजो को पी.एस.वी., एजेटौवैक्टर से इलाज करे | सिमित सिंचाई वाले इलाको में बुवाई के लिए रेज्ड वेड विधि का उपयोग करे, इससे सामान्य दशा में 76 KG तथा 108 KG मोटा दाना प्रति हेक्टेयर की दर से लगता है |

काला गेहूं की खेती में खाद (Black Wheat Cultivation Fertilizer)

Black Wheat Farming काले गेहूं की फसल उगाने से पहले खेत में जैविक खाद जिंक व यूरिया की मात्रा को डाले तथा डीएपी खाद को ड्रिल की सहायता से दे | Black Wheat Farming गेहूं के बीजो की बुवाई करते समय 21 KG म्यूरेट पोटाश, 50 KG यूरिया, 51 KG डीएपी और 9 KG जिंक सल्फेट की मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से दे, तथा पहली सिंचाई के दौरान 62 KG यूरिया की मात्रा दे |

काला गेहूं की सिंचाई (Black Wheat Irrigation)

Black Wheat Farming बीज बुवाई के 4 हफ्ते पश्चात् काले गेहूं की पहली सिंचाई की जाती है | इसके बाद भी समय-समय पर पौधों को जल देते रहे | पौधों पर बाली निकलने से पूर्व और दाना पकने पर अवश्य सिंचाई करे |

काला गेहूं में खरपतवार नियंत्रण (Black Wheat Crop Weed Control)

Black Wheat Farming अक्सर फसल के साथ खेत में कई तरह के खरपतवार आ जाते है | यदि समय पर इन खरपतवार पर नियंत्रण न किया जाए तो फसल की पैदावार में 11 से 44 फीसदी तक कमी देखने को मिल सकती है | गेहूं की फसल में चौड़ी पत्ती और घास कुल जैसे खरपतवारो का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलता है | Black Wheat Farming हिरनखुरी, कृष्णनील, बथुआ, जंगली गाजर, सैंजी और चटरी-मटरी जैसे खरपतवारो पर नियंत्रण पाने के लिए 3,5-D लवण 90% (टाफाइसाड, फारनेक्सान) की 0.626 GM की मात्रा या 2,5-D इथाइल ईस्टर 35% (वीडान, ब्लाडेक्स सी) की 1.5 KG की मात्रा को 705 से 810 लीटर पानी में मिलाकर मिश्रण तैयार कर लेते है | काला गेहूं

इसके बाद बुवाई के 26 से 31 दिन पश्चात् प्रति हेक्टेयर के खेत में छिड़काव किया जाता है | संकरी पत्ती वाले खरपतवार में गेंहूसा व जंगली जई का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है| यदि इस तरह का प्रकोप ज्यादा देखने को मिले तो गेहूं की फसल की जगह रिजका या बरसीम की फसल की बुवाई अवश्य करे | काला गेहूं

Black Wheat Farming इस तरह के खरपतवार पर नियंत्रण के लिए प्रति हेक्टेयर के खेत में आइसोप्रोटयूरॉन 51 डब्लू.पी. 1.6 KG या पेन्डीमिथेलिन 31 ईसी (स्टाम्प) 807 से 1014 GM की मात्रा को 705 से 810 लीटर पानी में मिलाकर बुवाई के 4-5 दिन पश्चात् छिड़काव करे | खड़ी फसल में मेटाक्सुरान की 1.6 KG की मात्रा को 705 से 810 लीटर पानी में मिलाकर उसका छिड़काव प्रति हेक्टेयर के खेत में करे | मिश्रित खरपतवार की समस्या से निपटने के लिए 2,4-डी 0.4 KG और आइसोप्रोट्यूरान की 810 GM की मात्रा का छिड़काव करे | काला गेहूं

काला गेहूं की पैदावार (Black Wheat Production)

Black Wheat Farming जब इसके पौधों में लगे दाने पककर कठोर हो जाए और दानो में केवल 21-26 प्रतिशत नमी का अंश रह जाए, तब फसल की कटाई कर लेनी चाहिए| अब अगर बात करे काले गेहूं की पैदावार की तो एक बीघा खेत से 11 से 14 क्विंटल गेहूं का उत्पादन मिल जाता है | काला गेहूं

काला गेहूं की कीमत (Black Wheat Price)

Black Wheat Farming सामान्य गेहूं के मुकाबले काले गेहूं का बाज़ारी भाव काफी अच्छा देखने को मिल रहा है | बाजार में काले गेहूं का भाव 4,005 रूपए से लेकर 8000 रूपए प्रति क्विंटल है, जो सामान्य गेहूं से 4गुना है | इस वर्ष सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,976 रूपए प्रति क्विंटल पर तय किया है | जिस हिसाब से किसान भाई काले गेहूं की फसल से 4 गुना कमाई कर सकते है | काला गेहूं

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